प्रोफेसर जमशेद सिद्दीकी आईटी सेंटर’ समुदाय को समर्पित

लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना एक सराहनीय प्रक्रिया: प्रो. तारिक

अलीगढ़, 6 सितंबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर और उनकी पत्नी डाक्टर हमीदा तारिक ने प्रोफेसर जमशेद सिद्दीकी इंफारमेशन टेक्नालोजी सेंटर को सुल्तान जहां कोचिंग सेंटर, मुस्लिम सोशल अप लिफ्टमेंट सोसायटी में आयोजित एक कार्यक्रम में जन समुदाय को समर्पित किया।

यह सेंटर स्वर्गीय प्रोफेसर जमशेद सिद्दीकी (24 अप्रैल 1968 – 19 अप्रैल 2021) जो कम्प्यूटर साइंस विभाग में वरिष्ठ शिक्षक थे के परिवार के दान से उनकी स्मृति में स्थापित किया गया है ताकि गरीबों और जरूरतमंदों को कल्याण कोष तक उनकी डिजिटल पहुंच को सक्षम बनाया जा सके।

इस अवसर एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि अपने प्रियजनों की याद में जो सबसे अच्छा काम कर सकते हैं, वह है लोगों की जान बचाना। उन्होंने कहा कि एएमयू में दिवंगत प्रोफेसर जमशेद सिद्दीकी के साथ उनका लंबा जुड़ाव रहा और उनका आकस्मिक निधन न केवल संपूर्ण एएमयू बिरादरी बल्कि उनके लिए एक गहरी व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने मुस्लिम सोशल अपलिफ्ट सोसाइटी के सदस्यों के प्रयासों की सराहना की, जो शुरू से ही शैक्षिक और कल्याणकारी पहलों में लगे हुए हैं और अब जेएसआईटी केंद्र के उद्देश्यों को ध्यान में रखते इसका और अधिक विस्तार किया है।

एमएसयूएस के अध्यक्ष प्रो. अब्दुल रहीम किदवई ने अतिथियों का स्वागत किया और केंद्र की स्थापना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि दिवंगत प्रो. सिद्दीकी के परिवार ने उनके भाई श्री मुहम्मद जावेद सिद्दीकी, पुत्र अब्दुल अहद सिद्दीकी, बेटी इबादत अयमान सिद्दीकी और उनकी पत्नी डा. फायजा अब्बासी सहित परिवार ने 10 लाख रूपये का दान दिया जो मासिक आधार पर आईटी हेल्पडेस्क का दैनिक खर्च भी वहन करेंगे। प्रोफेसर किदवई ने कहा कि दुनिया भर के समाजसेवी अपने समाज के पिछड़े वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

एमएसयूएस के जनरल सेकरेट्री प्रो. सगीर अफराहीम ने स्वर्गीय प्रो. जमशेद सिद्दीकी के जीवन और सेवाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वे एएमयू के उन चंद युवा शिक्षकों में से एक थे जिन्होंने अपने जीवन में बहुत कुछ हासिल किया है। वह 24 वर्ष की आयु में वह एक शिक्षक के रूप में कंप्यूटर विज्ञान विभाग में शामिल हुए और विभाग के प्रोफेसर और अध्यक्ष बने। प्रो. सिद्दीकी ने एएमयू में प्राक्टर, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर और ओएसडी (विकास) के रूप में कार्य किया। वे एएमयू कोर्ट, कार्यकारी परिषद के सदस्य और एएमयू शिक्षक संघ के सचिव और संयुक्त सचिव के पदों पर भी आसीन रहे।

यूके ड्रग इंजीनियर और एमएसयूएस में स्वयंसेवी श्री अब्दुल समद क़िदवई ने कमजोर महिलाओं सहित लक्षित समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों पर एक पावरपाइंट प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का का संचालन डाक्टर शारिक अकील ने किया।

डा. हमीदा तारिक ने इस अवसर पर प्रो. जमशेद सिद्दीकी की स्मृति में स्थापित केंद्र की पट्टिका का लाकार्पण किया। इस अवसर पर प्रो. हाफिज एम. इलियास, प्रो. जाकिया सिद्दीकी, प्रो. जहीरुद्दीन, प्रो. वसीम अहमद, प्रो. एम. उरूज रब्बानी, प्रो. नईमा खातून, प्रो. एम.एम. सुफियान बेग, डा. सलमा शाहीन, प्रो. एम. रिजवान खान, प्रो. आसिम जफर तथा प्रो. शीबा हामिद के अलावा अनेक वरिष्ठ शिक्षक भी उपस्थित थे।